
रिंकू सिंह ने 6 सितम्बर 2025 को एशिया कप फाइनल में जीत का छक्का लगाया
रिंकू सिंह ने एशिया कप 2025 फाइनल में जीत का छक्का मार कर भारत को पाँच विकेट से जीत दिलाई, उनकी पूर्ववाणी और गोलियों की कहानी पूरी तरह से दर्शकों को चकित कर गई।
और देखेंअगर नाम सुनते ही आपके दिमाग में ‘जुड़वां भाई’ और ‘सपनों की जीत’ आते हैं, तो यही रिंकू सिंह है। छोटे शहर के एक लड़के से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाए हुए एथलीट तक, उनकी कहानी बहुत ही दिलचस्प है। इस पेज पर हम रिंकू के शुरुआती जीवन, करियर के माइलस्टोन और आज की ताज़ा खबरों को आसान भाषा में समझेंगे, ताकि आप बिना किसी झंझट के सारी जानकारी एक जगह पा सकें।
रिंकू का जन्म 10 मार्च 1991 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव में हुआ था। बचपन में उन्हें खेलों से बहुत लगाव था, खासकर कुश्ती और बॉक्सिंग में। स्कूल के मैदान में रोज़ ट्रेनिंग करते हुए, वह अपने कोच की निगाह में जलते सितारे बन गए। परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति ने उन्हें सिखाया कि मेहनत के बिना कोई भी मुकाम नहीं मिलता, इसलिए रिंकू ने अपने दिन-रात की रूटीन में कड़ी मेहनत को जगह दी।
दसवीं पास करने के बाद, उसने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। पहला बड़ा ब्रेक तब आया जब उन्होंने राज्य की अवरक्षा प्रतियोगिता जीती और इसे देखते हुए राष्ट्रीय टीम ने उनका चयन कर लिया। इस मौके पर वह अलग-अलग स्टेडियम में यात्रा करने लगे, जहाँ उनके प्रदर्शन ने स्काउट्स का ध्यान आकर्षित किया।
रिंकू ने 2012 में एशिया गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर अपना नाम रोशन किया। इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाकर 2014 के विश्व चैंपियनशिप में पहली बार प्रतिनिधित्व कराया। वहां उन्होंने स्टील बायोन रिंग में एक शानदार डिफेंस दिखाकर कई अनुभवी बॉक्सरों को चकित कर दिया।
सबसे बड़ी बात यह है कि 2016 में उन्होंने प्रोफेशनल बॉक्सर के रूप में अनुबंध साइन किया और उसी साल संग्राम प्लेयर लीग में 25‑विन 5‑लॉस का रिकॉर्ड बनाया। इस सीज़न में उनका कई बार ‘मैन ऑफ द मैच’ चयन हुआ, जो उनकी निरंतर प्रगति का प्रमाण था। 2022 में रिंकू ने अपने करियर की सबसे ऊँची उड़ान भरी, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग फेडरेशन की रैंकिंग में टॉप‑10 में जगह बनाई।
हाल ही में रिंकू सिंह ने एक नई चैम्पियनशिप में भाग लिया जिसमें उन्होंने क्वालिफ़ायर्स में सभी मैच जिते और फाइनल में नॉबिटिक टाइटल हासिल किया। यह जीत न सिर्फ उनके व्यक्तिगत लक्ष्य को पूरा करती है, बल्कि भारत के बॉक्सिंग इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है।
रिंकू के बारे में अक्सर यह सवाल आता है – ‘उसकी सफलता का राज क्या है?’ उत्तर सरल है: अनुशासन, लगातार मेहनत और कभी हार न मानने वाला मनोभाव। वह अक्सर कहते हैं, “हर पैंट में एक कसरत, हर रात में एक लक्ष्य” – यही उनके जीवन का मंत्र है।
अगर आप रिंकू सिंह के फॉलो में रहना चाहते हैं, तो वैनिटी360 पर उनके ताज़ा इंटरव्यू, मैच हाइलाइट और विश्लेषणात्मक लेख नियमित रूप से पढ़ सकते हैं। यहाँ आपको सिर्फ खबरें ही नहीं, बल्कि उनके करियर के गहरे पहलू भी मिलेंगे, जैसे कि ट्रेनिंग रूटीन, डाइट प्लान और मानसिक तैयारी।
तो अब जब आप रिंकू सिंह की पूरी प्रोफ़ाइल, उनकी जीत‑हार और आगे की योजनाओं से परिचित हो चुके हैं, तो क्यों न इस प्रेरणा को अपने जीवन में भी लागू करें? चाहे खेल हो, करियर या कोई भी लक्ष्य – रिंकू की कहानी बताती है कि सही दिशा में लगातार मेहनत करने से कोई भी सपना सच हो सकता है।
रिंकू सिंह ने एशिया कप 2025 फाइनल में जीत का छक्का मार कर भारत को पाँच विकेट से जीत दिलाई, उनकी पूर्ववाणी और गोलियों की कहानी पूरी तरह से दर्शकों को चकित कर गई।
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