दिल्ली‑एनसीआर में 6 अक्टूबर का येलो अलर्ट: तेज बारिश और 50 किमी/घंटा तेज हवाओं की चेतावनी

जब भारतीय मौसम विभाग ने 6 अक्टूबर 2025 को येलो अलर्टदिल्ली‑एनसीआर जारी किया, तो राजधानी के आस‑पास के शहरों में हवा और बारिश के तीव्र बदलाव की आशंका बढ़ गई। इस चेतावनी का मतलब है कि अगले 24 घंटे में मौसम में अचानक गिरावट आएगी, इसलिए लोग सावधान रहें – यह सिर्फ एक औपचारिक नोटिस नहीं, बल्कि एक वास्तविक जोखिम संकेत है।
मौसम विभाग का येलो अलर्ट क्या दर्शाता है?
येलो अलर्ट, जिसका कोड ‘Caution’ के रूप में भी जाना जाता है, मध्यम जोखिम को दर्शाता है। इसका उद्देश्य जनता और स्थानीय प्रशासन को संकेत देना है कि संभावित आँधियों, भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण सामान्य जीवन में व्यवधान हो सकता है। इस अलर्ट में आमतौर पर पाँच मुख्य पैरामीटर शामिल होते हैं: बारिश की मात्रा, हवा की गति, तापमान में उतार‑चढ़ाव, धुंध की संभावना और बिजली‑तूफ़ान की संभावना।
डॉ. राजीव सिंह, भारतीय मौसम विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "हमने पिछले 48 घंटों में उपग्रह डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि दिल्ली‑एनसीआर में देर‑शाम तक बादल छा सकते हैं, जिसके साथ तेज़ हवाओं और कई बार बौछार का जोखिम है।" इस वक्तव्य ने स्थानीय अधिकारियों को तेज़ कार्यवाही करने के लिए प्रेरित किया।
दिल्ली‑एनसीआर में आने वाला मौसम
पहले ही सुबह दिल्ली के आकाश में धुंध के बादल छा गए, और दोपहर होते‑होते बिजली‑तूफ़ान की झलक दिखी। मौसम विभाग के अनुसार, 6 अक्टूबर को पूरे क्षेत्र में 30‑40 किमी/घंटा की गति से हवा चलने की संभावना है, और कई स्थानों पर 50 किमी/घंटा तक तेज़ी पकड़ सकती है।
तापमान के मामले में, अधिकतम 26‑28 °C और न्यूनतम 22 °C रहने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे गर्मी के दिनों की तुलना में हल्का ठंडा माहौल रहेगा। हालांकि, तेज़ हवाओं और आँधियों के कारण महसूस होने वाला सेंसरी थर्मल इफेक्ट (सेंसेशन) सूखा महसूस हो सकता है।
ढीले‑ढाले पानी की बूंदों के साथ, दिल्ली‑एनसीआर के पाँच प्रमुख नगरों में अलग‑अलग प्रभाव दिखेगा:
- नोएडा में दो‑तीन घंटे की हल्की‑मध्यम बारिश की संभावना है, विशेषकर शाम के समय।
- गाजियाबाद में तेज़ हवा और बीच‑बीच में बिजली के साथ तेज़ बूँदें गिरने की संभावना है।
- गुरुग्राम के कुछ क्षेत्रों में 30 mm तक की अचानक जलभाषा (ओलावृष्टि) हो सकती है।
- फरीदाबाद में विशेषकर सुबह‑दोपहर में हवा की गति 40‑50 किमी/घंटा तक पहुँच सकती है।
- दिल्ली के कर्नाटक‑पार्क, सरायमुखी जैसे इलाकों में धुंध और कम दिखावट (विज़िबिलिटी) की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इस बदलाव का असर सार्वजनिक परिवहन, खासकर सड़क और मेट्रो सेवाओं पर भी पड़ेगा। कई बस मार्गों में देर से चलने की सूचना दे रखी गई है, और मेट्रो के कुछ स्टेशनों में स्वरुपित वॉटर‑पम्पिंग सिस्टम को सक्रिय करने की तैयारी चल रही है।
अन्य राज्यों में समान चेतावनी
दिल्ली‑एनसीआर के अलावा कई राज्यों में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। बिहार में अक्टूबर के मध्य में मूसलादार बारिश की संभावना है, विशेषकर उत्तर बिहार में पहाड़ी क्षेत्रों में। उत्तराखंड के कई हिस्सों में 50‑70 mm/घंटा की बरसात हो सकती है, जिससे बाढ़ के जोखिम में वृद्धि होगी।
राजस्थान के दक्षिणी भाग में आँधी‑तूफ़ानी हवाएं और अचानक तेज़ बारिश की संभावना है, जबकि मध्य प्रदेश में भी वन‑आग की संभावना बढ़ाने वाले हल्के‑बारीक बारिश की चेतावनी दी गई है।
उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी समान स्थितियों के कारण येलो अलर्ट जारी किया गया है; इन क्षेत्रों में 30‑40 किमी/घंटा हवाओं और 20‑30 mm के बीच हल्की बूँदों की संभावना है।

जनता और प्राधिकारियों की प्रतिक्रिया
शहरों के मूल निवासी इस खबर को बड़े ध्यान से पढ़ रहे हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर "जल्दी से बक़ी सामान सुरक्षित रखें" और "बिजली की सुरक्षा के लिए प्लग अनप्लग कर दें" जैसे संदेश साझा कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी तुरंत कुछ सुरक्षा उपायों की घोषणा की:
- सभी स्कूलों को दोपहर की ट्यूशन को रद्द करने का निर्देश दिया गया।
- ड्रायवेज़ को साफ़ रखने के लिए सड़क पॉलिसिंग यूनिट्स को विशेष राउंड्स पर लगाया गया।
- इलेक्ट्रिकल ग्रिड में संभावित ओवरलोड से बचाने के लिए कुछ नॉन‑क्रिटिकल क्षेत्रों की सप्लाई अंशिक रूप से कट की जा सकती है।
दिल्ली के मेट्रो संचालन प्रबंधन ने कहा, "बिजली की गिरावट या तेज़ हवा के कारण कुछ ट्रेनों का संचालन अस्थायी रूप से रद्द किया जा सकता है, इसलिए यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा योजनाएँ बनानी चाहिए।"
संभावित प्रभाव और भविष्य की तैयारी
यदि अलर्ट में बताई गई परिस्थितियों का पालन नहीं किया गया, तो निचले-आधार वाले इलाकों में जल‑जमाव, सड़क‑प्लेटफ़ॉर्म पर दुर्घटनाएँ और बिजली की कटौती जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषकर फरीदाबाद और गुरुग्राम में कई औद्योगिक पार्क होते हैं, जहाँ औद्योगिक उपकरणों पर नमी के कारण नुकसान हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में कृषि क्षेत्र भी प्रभावित हो सकता है। दिल्ली के आसपास के खेतों में फसलें बहुत ज़्यादा नमी के कारण फफूंद संक्रमण का सामना कर सकती हैं, जिससे अगली फसल की पैदावार पर असर पड़ सकता है।
भविष्य की तैयारी में, मौसम विभाग ने कहा कि अगले 48 घंटों में निरंतर अपडेट्स जारी किए जाएंगे, और यदि स्थिति बिगड़ती है तो रेड‑अलर्ट के साथ एम्बेडेड चेतावनी दी जा सकती है। इससे स्थानीय प्रशासन को अतिरिक्त आपातकालीन संसाधन, जैसे कि बीबीए (बेसिक ब्रीज एंड एरियल) रेस्क्यू टीमें, तैनात करने का समय मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
येलो अलर्ट के दौरान कौन‑से कामों से बचना चाहिए?
बिजली के खुले तारों के पास न जाना, ऊँची इमारतों के नजदीक नहीं रुकना और भारी वस्तुओं को सतही जल‑जमाव वाले क्षेत्रों में नहीं छोड़ना चाहिए। साथ ही, सड़क पर गिनती कम होने पर तेज़ गति से वाहन न चलाना चाहिए क्योंकि पेंचुअल फॉल्ट बीट के कारण टायर फट सकते हैं।
यह अलर्ट किन शहरों को कवर करता है?
मुख्यतः दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद को कवर किया गया है। साथ ही, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भी समान येलो अलर्ट जारी किए गए हैं।
बारिश और तेज़ हवाओं से होने वाले संभावित नुकसान क्या हैं?
बिजली‑तूफ़ान के कारण छोटे‑बड़े घरों में पावर शॉर्ट‑कट, ट्रैफिक जाम, जल‑जमाव से सड़क‑इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्षति और उच्च हवा से पावर‑लाइन ब्रीकेज जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। कृषि‑क्षेत्र में फसल‑फंगस की संभावना भी बढ़ जाती है।
क्या अगले दो दिनों में स्थिति सुधरने की संभावना है?
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, 8‑9 अक्टूबर तक हवा की गति धीरे‑धीरे कम होगी और बारिश की तीव्रता घटेगी। लेकिन अभी भी हल्की‑मध्यम बूँदें बरस सकती हैं, इसलिए सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।
आधिकारिक अपडेट्स कहाँ देख सकते हैं?
इंडियन मौसम विभाग (IMD) की आधिकारिक वेबसाइट, राष्ट्रीय रडार आउटपुट और मोबाइल एप्प पर रीयल‑टाइम अलर्ट्स जारी किए जाते हैं। साथ ही, स्थानीय प्रशासन की ट्विटर हैंडल और प्रमुख समाचार चैनलों पर भी अपडेट्स मिलते हैं।